कथा शैली में विरचित ‘बाल सत्यार्थ प्रकाश' ग्रन्थ ऋषिवर दयानन्द के अमर ग्रन्थ सत्यार्थ प्रकाश को जन सामान्य तक पहुंचाने वाला उत्तम माध्यम सिद्ध हुआ है। स्वर्गीय वेद प्रकाश जी सुमन द्वारा इस ग्रन्थ का प्रणयन कलम के धनी अपने पिता श्री आचार्य प्रेम भिक्षु जी के निर्देशन में किया गया इससे इस ग्रन्थ की उपयोगिता द्विगुणित हो गयी है। आर्य जगत् में इस ग्रन्थ की आशा से अधिक मांग रही है।.