नीति के द्वारा मनुष्य जीवन सुखी एवं मधुर बनता है। नीतिमान व्यक्तियों के द्वारा ही श्रेष्ठ राष्ट्र का निर्माण होता है अतः इ नीतिश्लोक ों में सज्जनों की प्रशंसा, दुर्जन निंदा, मूर्खजन उपहास, विद्या की महिमा, सद्गुण महिमा, भाग्य, कर्म एवं पुरुषार्थ तथा धन के महत्व का वर्णन किया गया है।.
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